04 November 2017

फुल फॉर्म : पटवारी के लिए

1. कम्प्यूटर (COMPUTER):की फुल फॉर्म क्या है।
उतर.कॉमनली ऑपरेटिड मशीन पर्टिकुलरली यूज़ड फॉर टेक्नोलॉजी एजुकेशन एंड रिसर्च
2. एक्स.एम.एल. (XML):की फुल फॉर्म क्या है।
उतर. एक्सटेंसिबल मार्कअप लैंग्वेज
3. डी.पी. (DP): की फुल फॉर्म क्या है।
उतर.डिस्प्ले पिक्चर (प्रदर्शित तस्वीर)
4. एल.एल.बी. (LLB):की फुल फॉर्म क्या है।
उतर.बैचलर ऑफ़ लॉ (कानून में स्नातक)
5. पुलिस (POLICE):की फुल फॉर्म क्या है।
उतर. प्रोटेक्शन ऑफ़ लाइफ इन सिविल एस्टाब्लिश्मेंट (अनाधिकारिक)

02 November 2017

पंचायती व्यवस्था

बलवंतराय मेहता समिति

भारत में “पंचायती राज” की स्थापना के उद्देश्य से ही भारत सरकार ने बलवंतराय मेहता की अध्यक्षता में एक समिति की नियुक्ति की थी. इस समिति ने भारतीय लोकतंत्र की सफलता के लिए लोकतंत्र की इमारत को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया. इसके लिए उसने प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण के सिद्धांत को लागू करने की सिफारिश की. इस समिति ने निम्नलिखित सुझाव दिए –

i) सरकार को अपने कुछ कार्यों और उत्तरदायित्वों से मुक्त हो जाना चाहिए और उन्हें एक ऐसी संस्था को सौंप देना चाहिए, जिसके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत विकास के सभी कार्यों की पूरी जिम्मेदारी रहे. सरकार का काम सिर्फ इतना रहे कि ये इन संस्थाओं को पथ-प्रदर्शन और निरीक्षण करती रहे.

ii) लोकतंत्र की आधारशिला को मजबूत बनाने के लिए राज्यों की उच्चतर इकाइयों (जैसे प्रखंड, जिला) से ग्राम पंचायतों का अटूट सम्बन्ध हो. इसलिए, प्रखंड और जिले में भी पंचायती व्यवस्था को अपनाना आवश्यक है.

01 November 2017

पंचायती राज

पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम, तहसील, तालुका और ज़िला आते हैं। भारत में प्राचीन काल से ही पंचायती राजव्यवस्था अस्तित्व में रही है, भले ही इसे विभिन्न नाम से विभिन्न काल में जाना जाता रहा हो। पंचायती राज व्यवस्था को कमोबेश मुग़ल काल तथा ब्रिटिश काल में भी जारी रखा गया। ब्रिटिश शासन काल में 1882 में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड रिपन ने स्थानीय स्वायत्त शासन की स्थापना का प्रयास किया था, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। ब्रिटिश शासकों ने स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की स्थिति पर जाँच करने तथा उसके सम्बन्ध में सिफ़ारिश करने के लिए 1882 तथा 1907 में शाही आयोग का गठन किया। इस आयोग ने स्वायत्त संस्थाओं के विकास पर बल दिया, जिसके कारण 1920 में संयुक्त प्रान्त, असम, बंगाल, बिहार, मद्रास और पंजाब में पंचायतों की स्थापना के लिए क़ानून बनाये गये। स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भी संघर्षरत लोगों के नेताओं द्वारा सदैव पंचायती राज की स्थापना की मांग की जाती रही।

लाभ- हानि – सेकेंडों में कीजिये हल- (भाग -1)

    लाभ - हानि – सेकेंडों में कीजिये हल - ( भाग -1) Profit and Loss Question with tricky solution in Hindi सदैव ...